FACTS ABOUT SHIV CHAISA REVEALED

Facts About Shiv chaisa Revealed

Facts About Shiv chaisa Revealed

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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

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अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह Shiv chaisa परीक्षा तबहिं पुरारी॥

O Glorious Lord, consort of Parvati You happen to be most merciful. You always bless the very poor and pious devotees. Your attractive sort is adorned Shiv chaisa While using the moon on the forehead and on your own ears are earrings of snakes’ Hood.

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

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